2 points | Post submitted by harigoyal 1678 days ago | 0 comments
| viewed 540 times
Link of Web Resource/Blog/Video : twitter.com
एक बार किसी ने आदि शंकराचार्य जी से प्रश्न किया कि "परिपक्वता" का क्या अर्थ है?
आचार्य शंकर ने "परिपक्वता" की कुल 12 परिभाषाएं दी, उन्होंने उत्तर दिया :
- परिपक्वता वह है - जब आप दूसरों को बदलने का प्रयास करना बंद कर दें, इसके बजाय स्वयं को बदलने पर ध्यान केन्द्रित करें।
- परिपक्वता वह है – जब आप दूसरों को, जैसे हैं, वैसा ही स्वीकार करें।
- परिपक्वता वह है – जब आप यह समझे कि प्रत्येक व्यक्ति उसकी अपनी सोच अनुसार सही हैं।
- परिपक्वता वह है – जब आप "जाने दो" वाले सिद्धांत को सीख लें।
- परिपक्वता वह है – जब आप रिश्तों से लेने की उम्मीदों को अलग कर दें और केवल देने की सोच रखे।
- परिपक्वता वह है – जब आप यह समझ लें कि आप जो भी करते हैं, वह आपकी स्वयं की शांति के लिए है।
- परिपक्वता वह है – जब आप संसार को यह सिद्ध करना बंद कर दें कि आप कितने अधिक बुद्धिमान है।
- परिपक्वता वह है – जब आप दूसरों से उनकी स्वीकृति लेना वन्द कर दे।
- परिपक्वता वह है – जब आप दूसरों से अपनी तुलना करना बंद कर दें।
- परिपक्वता वह है – जब आप स्वयं में शांत है।
- परिपक्वता वह है – जब आप जरूरतों और चाहतों के बीच का अंतर करने में सक्षम हो जाए और अपनी चाहतो को छोड़ने को तैयार हों।
- आप तब परिपक्वता प्राप्त करते हैं – जब आप अपनी ख़ुशी को सांसारिक वस्तुओं से जोड़ना बंद कर दें।
By संभाषण - एक वार्तालाप