गुप्त नवरात्री क्या है | गुप्त नवरात्री का महत्व | दस महाविद्याओं और दस देवियों के नाम (festivalsandpanchang.blogspot.com) Festivals Durga Puja

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गुप्त नवरात्री क्या है | गुप्त नवरात्री का महत्व | गुप्त नवरात्री की दस देवियों का नाम | कलश स्थापना 

गुप्त नवरात्री क्या है 

जिस प्रकार चैत्र और शारदीय नवरात्र होते हैं उसी तरह ज्येष्ठा और माघ महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में पड़ने वाली नवरात्री को गुप्त नवरात्री कहा जाता है | गुप्त नवरात्री में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है| अगर कोई इन दस महाविद्याओं की शक्ति के रूप में उपासना करे तो उसका जीवन धन - धान्य और सुख से भर जाता है | देवी भगवत में गुप्त नवरात्र की पूजा का विधान लिखा गया है | इस तरह वर्ष में कुल चार नवरात्र होते हैं | यह चारो नवरात्र ऋतू  परिवर्तन के समय मनाये जाते हैं | इन विशेष अवसर पर साधक अपनी मनोकामनाओ की पूर्ति के लिए देवी की साधना करते हैं | गुप्त नवरात्र को सफलता पूर्वक संपन्न करने से कई बाधाये समाप्त हो जाती हैं | 

गुप्त नवरात्री की दस देवियों का नाम है :

  • माता कालिके
  • तारा देवी 
  • त्रिपुर सुंदरी 
  • माता भुवनेश्वरी 
  • माता छिन्नमस्ता 
  • माता त्रिपुरभैरवी 
  • माँ धूमावती 
  • माता बगलामुखी 
  • माता मातंगी 
  • माता कमला देवी

गुप्त नवरात्री का महत्व :

गुप्त नवरात्री उन लोगों के लिए विशेष होती है जो तंत्र साधना और वशीकरण में विश्वास रखते हैं | इस नवरात्री में तंत्र साधना की जाती है जो गुप्त होती हैं इसलिए इसे गुप्त नवरात्री कहा जाता है | गुप्त नवरात्रि आमतौर पर तांत्रिक और साधको के लिए होती है | अघोर तांत्रिक गुप्त नवरात्रि में महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए उपासना करते हैं | इसलिए यह दूसरे नवरात्रि से बिल्कुल अलग होती है | गुप्त नवरात्री की पूजा और कामना जितनी गोपनिय रखी जाती है यह उतनी ही सफल होती है | गृहस्थ मनुष्य गुप्त नवरात्रि नहीं मनाते हैं |

इसलिए गृहस्थ लोगों को गुप्त नवरात्री में भी नवदुर्गा की पूजा करनी चाहिए | ये देवियाँ हैं : माता शैलपुत्री, माता ब्रम्हचारिणी, माता चंद्रघंटा, माता कुष्मांडा, माता स्कंदमाता, माता कात्यायनी, माता कालरात्रि, माता महागौरी और माता सिद्धिदात्री |

गुप्त नवरात्री कलश स्थापना विधि और सामग्री :

  • कलश
  • कलश पर बांधने के लिए मौली
  • आम के पत्ते का पल्लव (जिसमें 5 पत्तियां हो या फिर 7)
  • कलश में डालने के लिए रोली, गंगाजल, सिक्का, गेहूं या अक्षत
  • कलश के अलावा इन दिनों जौ भी बोने चाहिए। जिसके लिए मिट्टी का एक बड़ा बर्तन
  • मिट्टी
  • जौ
  • कलावा

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