योगः कर्मसु कौशलम् (sambhashan.in) भगवद गीता

4 वोट |1448 days पहले jay द्वारा की गई पोस्ट |0 टिप्पणियाँ

श्रीमद्भग्वद्गिता में भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा है ‘न हि कश्चित् क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत् ’ – गीता 3/5 अर्थात, कोई भी व्यक्ति कर्म किये बिना क्षण भर भी नहीं रह सकता। 


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